छाती पर आधरित मुहावरे
छाती पर मूंग दलना-
अर्थ-अत्यन्त कष्ट देना
वाक्य प्रयोग- लक्ष्मण ने अपना हिस्सा तो ले ही लिया , अब भाई पर जमीन का केस डल कर उसकी छाती पर मूंग दल रहा है।
छाती पर पत्थर रखना-
अर्थ-दुःख सहने के लिए हृदय कठोर करना।
वाक्य प्रयोग- अपनी छाती पर पत्थर रखकर उसने अपने पिता की एक मात्र निशानी, अपना पुश्तैनी मकान भी बेच दिया।
छाती पर साँप लोटना-
अर्थ-ईर्ष्या से हृदय जल उठना।
वाक्य प्रयोग- पंकजा की उन्नति की चर्चा सुनकर उसकी सहेली की छाती पर साँप लोटने लगते हैं।
छाती पीटना
अर्थ-मातम मनाना-
वाक्य प्रयोग- अपने बडे भाई की मृत्यु पर नव्या छाती पीट कर रोने लगी ।
छाती जलना
अर्थ-ईर्ष्या होना
वाक्य प्रयोग- जब से मेरा चर मंजिला मकन बना है तब से मेरे पडोसियों की छाती जल रही है ।
छाती दहलना
अर्थ-डरना, भयभीत होना
वाक्य प्रयोग- रेल दुर्घटना का दृश्य इतना भयंकर था कि छाती दहल जा रही थी ।
छाती दूनी होना
अर्थ-अत्यधिक उत्साहित होना
वाक्य प्रयोग- जब से ही रोहन का कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी में दखिला हुआ, तब से उसके पिता की छाती दूनी हो गई।
छाती फूलना
अर्थ-गर्व होना
वाक्य प्रयोग- मेरी सफ़लता देख कर मेरे अध्यापक की छाती फूल गई।
छाती सुलगना
अर्थ-ईर्ष्या होना-
वाक्य प्रयोग- कुछ लोग इतने ईर्ष्यालु होते हैं कि किसी को भी सुखी देखकर उन की छाती सुलग उठती है।
छाती पर पत्थर होना-
अर्थ-भारी दुःख होना -
वाक्य प्रयोग- जब से राधा विधवा हुई है उसके पिता छाती पर पत्थर रख कर जी रहे हैं।
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